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कैंसर पीड़ित पिता ने ऑटो बेचकर पढ़ाया, बेटी बनी छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर

First Woman Agniveer: भारत में ढेर सारे युवा आर्मी में जाने का सपना देखते हैं, जिसके लिए वह दिन रात मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाली हिषा बघेल (Hisha Baghel) राज्य की पहली महिला अग्निवीर बन चुकी है, जो फिलहाल ओडिशा के चिलिका में सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट में ट्रेनिंग ले रही हैं।

छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित बोरीगर्का गांव में रहने वाली हिषा बघेल (Hisha Baghel) का चुनाव अग्निवीर योजना के तहत नौसेना में हुआ है, जिसकी वजह से हिषा के परिवार और गांव के लोग बहुत ज्यादा खुश हैं। हिषा बघेल (Hisha Baghel) ने स्कूल के दिनों से ही भारतीय सेना की भर्ती के लिए तैयारी शुरू कर दी थी, जिसके तहत वह एनसीसी में ट्रेनिंग लेती थी।

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सुबह 4 बजे उठकर करती थी ट्रेनिंग

ऐसे में स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद हिषा ने अग्निवीर का फॉर्म भर दिया था, जिसके बार हिषा ने दौड़ और मेडिकल में पास होकर नौसेना में अपनी जगह पक्की कर ली। हिषा अपने गांव में पहली महिला अग्निवीर है, जो सुबह 4 बजे उठकर भर्ती की तैयारी करती थी।

कैंसर पीड़ित पिता ने ऑटो बेचकर पढ़ाया

हिषा के पिता पेशे से एक ऑटो चालक हैं, जो कैंसर से पीड़ित हैं। ऐसे में हिषा के पिता ने उनकी शिक्षा और भर्ती के लिए जमीन और ऑटो बेच दिया था, जबकि बाकी बचे हुए पैसों से अपना इलाज करवाया था। ऐसे में हिषा बघेल मार्च तक ट्रेनिंग पूरी कर लेंगी, जिसके बाद उन्हें नौसेना में पोस्टिंग दी जाएगी।


जब अग्निवीर योजना के बारे में सरकार ने फैसला सुनाया था तो इसका काफी विरोध हुआ था। लोगों ने विरोध प्रदर्शन में कई ट्रेनों में आग लगा दी थी। हर तरफ सरकार के खिलाफ बयानबाजी हो रही थी। मगर हिषा जैसी लड़कियों के लिए यह एक अच्छा मौका था कि वो कुछ कर पाती। हिषा को इस बात की चिंता नहीं है कि वह 4 साल बाद क्या करेगी, क्योंकि तब तक उसकी जिंदगी में काफी कुछ बदल जाएगा। उसके साथ परिवार के हालात बदल जाएंगे औऱ उसे खुद पर इतना भरोसा हो जायेगा की वो आगे कुछ अच्छा कर सके। यह भी हो सकता है कि वह अच्छी मेहनत करे तो उसकी नौकरी परमानेंट हो जाए।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
सपनों और हक़ीक़त को शब्दों से बयां करती है 'क़लम'!
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